Thursday 18 February 2016

रेशम की डोर

पत्नी :-- ये जो तुम रोज़ फेसबुक पर रोमांटिक शायरियाँ लिखते
हो कि, ये तेरी जुल्फें है जैसे रेशम की डोर, ये
किसके लिये लिखते हो ?
पति :-- पगली तेरे लिये ही लिखता हूँ,
मेरी जानू !
.
.
पत्नी :-- तो फिर वोही रेशम की डोर
कभी दाल में आ जाती है तो इतना चिल्लाते क्यूँ
हो !

No comments:

Post a Comment